गुरुवार, 25 नवंबर 2021

What Does the Brain Think Right Before Death? मृत्यु से ठीक पहले मस्तिष्क क्या सोचता है?

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What Does the Brain Think Right Before Death? –(मृत्यु से ठीक पहले मस्तिष्क क्या सोचता है?) – . इस ब्लॉग में हम आपको बटने वाले हैं की मरने से ठीक पहले दिमाग क्या सोचता है?

        

जब से हम पैदा हुए हमारा मस्तिक लगातार काम कर रहा है, आपका शरीर सोते समय भी आराम कर लेता है।, लेकिन मस्तिष्क कभी भी आराम नहीं करता। वह उस समय भी सोचता है। जिस कारण आप सपने देख पाते हैं, मस्तिष्क के बहुत सारे काम है जैसे

  • सोचना 

  •  संख्या याद रखना

  •  लिखने के लिए सब देना आदि

 करता है। बहुत से काम करने के लिए मस्तिष्क को का स्थिर होना। बहुत जरूरी है। क्यों की आजकल की भागदौड़ की जिंदगी में कम समय में अधिक काम करने के लिए दिमाग के सही समय पर सही प्रतिक्रिया देना अत्यावश्यक है। 

  नमस्कार दोस्तों स्वागत है हमारी वेबसाइट में । मैं हूं । TechTalkSandeep और इस ब्लॉग में हम आपको बताने वाले हैं। की मरने से ठीक पहले दिमाग क्या सोचता है what is think above the death और अब हम जानेंगे कि मौत के वक्त किसी के दिमाग में क्या होता है। किसी को इस बारे में सटीक जवाब नहीं है। वैज्ञानिकों को कुछ जानकारियां जरूर है, लेकिन यह सवाल अंततः एक राज्य बना हुआ है। हाल ही में कुछ  वैज्ञानिकों ने, एक अध्ययन किया है जिसे मौत का तंत्रिका के विज्ञान के बारे में दिलचस्पी मिली है। यह अध्ययन बर्लिन  के चैरिटी यूनिवर्सिटी और यह आयोग का सनसनाहट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने किया है। इसी के लिए वैज्ञानिकों ने कुछ मरीजों को को तंत्रिका तंत्र की पारी को से निगरानी की। इसके लिए उन्होंने उसकी परिजनों से पूर्व अनुमति ली थी। यह परीक्षण उन लोगों के ऊपर किया गया जो कि किसी वह तो अलग भीषण सड़क हादसे में घायल हुए थे या तो एस्ट्रो कार्य अवश्य के शिकार हुए थे। विज्ञानियों ने पाया कि पशु और मनुष्य दोनों को दिमाग  मौत के समय। एक ही तरह से काम करते हैं। साथ ही एक ऐसा वक्त भी आता है जब दिमाग के कामकाज की आवाज से रूप से बहाली हो सकती है और यही अध्ययन का अंतिम मकसद था ना सिर्फ मेरी मृत्यु शक्ति  की निगरानी करना बल्कि यह समझना कि किसी को उसका जीवन की अंतिम चरण में मौत से कैसे बचाया जा सकता है जो हम पहले से जानते थे। इन विज्ञानिक ओके शोध से ब्रेन टेस्ट के बारे में हम जितना जानते थे उनमें से ज्यादातर जानकारियां हमें पशुओं पर किए जाने वाले प्रयोग सकी गई हम मौत के वक्त जानते हैं कि 

  1.  शरीर में खून का प्रवाह रुक जाता है और इसीलिए दिमाग में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। 

  2. सेर्बिया अष्टम नाम की नाम की स्थिति में जरूरी खनिज अभियोग कम हो जाती है और जिससे दिमाग में इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी पूरी तरह से खत्म हो जाती है

  3. यह माना जाता है। यह दिमाग शांत होने की यह प्रक्रिया इसीलिए अमल में आती है क्योंकि भूखे न्यूरॉन आपने ऊर्जा  संरक्षित कर लेती है लेकिन लेकिन उनका उर्जा संरक्षित करना किसी काम नहीं आता, क्योंकि मौत आने ही वाली है। 

  4. सभी यह  आयन दिमागी के कोशिकाओं को  छोड़कर अलग हो जाती है जिससे एडिनोसिन ट्रक फॉर सेल डीके आपूर्ति कमजोर पड़ जाती है। और यही  जटी जैविक रसायन है। जब पूरे शरीर में उर्जा को स्टार्ट करता है और उसे एक जगह से दूसरी जगह ले जाता है।

  5. इसके बाद टिशू रिकवरी नामुमकिन हो जाता है।  लेकिन वैज्ञानिकों के टीम  को इंसानों को संबंध में इस प्रक्रिया को और गहराई से समझना चाहती थी। 

इसीलिए उन्होंने कुछ मरीजों को उनकी दिमाग से म्यूजियोलॉजी की। गतिविधियों की निगरानी की डॉक्टरों की ओर से निर्देश दिए गए थे कि इन मरीजों को इलेक्ट्रो चिप्स आदि को बेहोशी से वापस लाने की कोशिश ना किया जाए। वैज्ञानिकों ने पाया कि 9 में से 8 मरीज दिमाग की कोशिका मौत को टालने की की कोशिश करो  रहे थे उन्होंने ना पाया की । दिल की धड़कन रुकने के बाद भी दिमाग की कोशिका और न्यूरॉन काम कर रहे थे। न्यूरॉन के काम करने की प्रक्रिया यह होती है कि वह आगे से आने से। खुद को भर लेते हैं और अपनी और अपने वातावरण के बीच विद्युत या संतुलन बनाती है। इसी में छोटे झटके आनी की शौक पैदा करने में सक्षम हो जाती है। वैज्ञानिकों के मुताबिक यह विद्युत का  संतुलित बनाए रखना । एक लगातार किए जाने वाले प्रयास है। इसके लिए ऐ कोशिकाएं बहते हुए खून के इस्तेमाल करती है और उस ऑक्सीजन और रासायनिक ऊर्जा लेती है जाओ वैज्ञानिकों के मुताबिक जब शरीर मर जाता है और दिमाग को खून की परवाह बंद हो जाती है तो ऑक्सीजन से वंचित न्यूरॉन उन छोड़ दी कि संसाधनों को जमा करने की कोशिश करती है क्योंकि यह धीरे-धीरे पहले बिना पूरी मस्तिष्क में एक साथ होती है। इससे उन डिस्पोजल कहा जाता है। इसके बाद स्थिति डिपोलराइजेशन  डिफ्यूजन  कहलाती है बोलचाल की भाषा में सेरीबल सुनामी कहते हैं। इलेक्ट्रिकल बैलेंस दिमाग की कोशिकाएं नष्ट हो जाती है जिससे खासी मात्रा में थर्मल एनर्जी। रिलीज होती है। इसके बाद इंसान की मौत हो जाती है। पर अध्ययन कहता है की मौत जितनी अटल आज है। भविष्य में वैसे ही रहेगी। यह जरूरी नहीं है। जींस कहते हैं कि स्पेन सीडीपीओ राजस्थान से  कोसी की परिवर्तन में शुरुआत होती है और फिर मौत हो जाती है। 

        लेकिन यह अपने आप में मौत के छन नहीं है। क्यों डिपोलराइजेशन को ऊर्जा की आपूर्ति बहाल कर पलटा जा सकता है। हालांकि इसे अमल में लाने के लिए अभी काफी शोद की जरूरत है फिर करते हैं की  मौत की तरह ही यह तंत्रिका संबंधित पहली एक जटिल घटना है। जिस से जुड़े सवालों को आसान जवाब उपलब्ध नहीं है और हम उस उम्मीद करते हैं कि हमरा ऐ ब्लॉक आपके लिए बहुत ही यूजफुल रहा होगा और हेल्पफुल रहा होगा। अगर यह ब्लॉक आपके लिए पसंद आया हो तो अपने दोस्तों को शेयर करें और साथ में नोटिफिकेशंस बैल को भी प्रेस करें और इसी तरह की जानकारी के लिए हमारे अमर बेल बटन को जरूर दबाएं। 

         


जो इंसान इस दुनिया में आया है वो एक दिन इस दुनिया से छोड़कर चला जाएगा...

          लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर जब इंसान की मौत नजदीक होती है तो उसके दिमाग में क्या क्या ख्याल आते हैं....

मौत से चंद लम्हे पहले वो क्या सोचता होगा...अग

र नहीं तो आज आप इस वीडियो को आखिर तक देखिए आपको तमाम सवालों के जवाब मिल जाएंगे...


कई बार हमारे मन में मौत को लेकर कई तरह के विचार आते रहते हैं। हमारा दिमाग कभी सोता नहीं है ये हर समय सक्रिय रहता है ....जब हम सोते हैं तब भी हमारे दिमाग में विचार आते रहते हैं। इसी वजह कि रात के वक्त सपने में दिखाई देने वाली घटनाए सुबह उठकर याद रहती है। माना जाता है कि हमारा दिमाग रोजाना साठ हजार विचारों को जन्म देता है


कई बार आप पुनर्जन्म, आत्मा कहां जाती है, मरने के बाद क्या होता है जैसी बातों के बारे में सोचते होंगे। कई वैज्ञानिक शोधों के बाद भी इन बातों का पता नहीं लग पाया है कि आखिर मरने के बाद इंसान का क्या होता है..लेकिन इन सबके बीच हम आपको बताते हैं कि आखिरी समय में मौत से पहले इंसान क्या सोचता है।


मौत से पहले इंसान के दिमाग में क्या विचार आते हैं?

1. बातें याद करना – वैज्ञानिको का मानना है कि मौत से पहले इंसान अपने जीवन में बिताए गए अच्छे-बुरे पलो को याद करता है। इस समय वो शांत रहता है और उसके दिल का आकार बढ़ जाता है। इस पल वो उन सभी गुप्त बातों  से पर्दा उठा देता है जो उसने आज तक अपने सीने में दफन करके रखी थीं।




और इस ब्लॉग को पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। मैं मिलती हूं नए ब्लॉक के साथ किसी ने टॉपिक में। 

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