रविवार, 23 जनवरी 2022

पेपर कप और प्लेट का बिजनेस कैसे शुरू करें। टेक टॉक संदीप। Future of Paper Cups and Plate Business with Full Case Study

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पेपर कप और प्लेट का बिजनेस कैसे शुरू करें। टेक टॉक संदीप। Future of Paper Cups and Plate Business with Full Case Study – [Hindi] – TechTalk Sandeep. 


अब लोग कागज़ के कप और प्लेट्स का यूज़ ज़्यादा कर रहे हैं. शादी, पार्टी, फंक्शन या किसी सोशल गेदरिंग में इनका यूज़ अब कॉमन हो गया है. और इनकी मैन्युफैक्चरिंग धीरे - धीरे एक इंडस्ट्री का रूप ले रही है. और आज techtalk sandeep आप को बताएगा की - इसका काम आप कैसे शुरू कर सकते हैं और इसे करना फ़ायदेमंद होगा या नहीं. इसीलिए इस ब्लॉग को पूरा जरूर पढ़ें

प्लास्टिक का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में पूरा का पूरा घर आ जाता है। इतनी सारी चीजें हैं। वैसे पूरी दुनिया प्लास्टिक का रिप्लेसमेंट ढूंढने में लगी हुई है और जब तक ऐसा नहीं हो जाता। हम बस प्लास्टिक का यूज कम कर सकते हैं क्योंकि प्लास्टिक ना हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है। बल्की इसे पूरी तरह से सड़ने या नष्ट होने में भी कई दर्शकों का समय लग जाता है। प्लास्टिक की फूड पैकिंग गिलास पेपर बगैरा सबसे ज्यादा परेशानी खड़ी करते हैं। इसीलिए अब लोग कागज के कप और प्लेट का यूज़ जायदा कर रहे हैं। वैसे सारी पार्टी फंक्शन या किसी सोशल गैदरिंग में इनका यूज ऑफ कॉमन हो गया है और इनकी मैन्युफैक्चरिंग भी धीरे-धीरे एक इंडस्ट्री का रूप ले रही है तो आज ईस आर्टिकल्स मे TechTalkSandeep आपको बताएगा कि इसका काम आप कैसे शुरू कर सकते हैं और इसे करना फायदेमंद होगा या नहीं,

  • पेपर कप की मार्केट ग्रोथ क्या है

 तो चलिए समझते हैं।  इस बिजनेस मॉडल को। इंडिया का पेपर कप से मार्केट 2020 में 265 मिलियन यूनिट तक पहुंच गया था और 2% मार्केट की मार्केट ग्रोथ के  साथ 2026 तक 295 बिलियन यूनिट तक पहुंच जाएगा। मतलब डिमांड  है तभी तो मार्केट ग्रो कर रहा है। इंडिया में पेपर कप के इस्तेमाल फूड सेक्टर में होता है जैसे चाय कॉफी सॉफ्ट ड्रिंक्स वगैरह सर्व करने के लिए पेपर कप के साथ ही पेपर के बने प्लेट कटोरी और छोटी बड़े थलिया भी आजकल बहुत इस्तेमाल होती है। इनकी डिमांड बढ़ने में लोगों के बीच प्लास्टिक के के प्रति बेड इफेक्ट को लेकर जागरूकता एक बहुत ही बड़ा फैक्टर है। 

  • पेपर कप की बिजनेस फायदे मे रहेगी या नुकसान मे (पूरी जानकारी)

अगर आप यहां पर सोच रहे हैं कि इससे बिजनेस में फायदा है और या फिर यह सोच रहे हैं कि इसको करने में नुकसान है तो आप दोनों ही तरह से सही है क्योंकि कोई भी बिजनेस रिक्स के लिए कामयाब नहीं होता और बिना बिजनेस प्लान एयरपोर्ट उत्साह और मेहनत की चाहे किसी भी ग्रोइंग इंडस्ट्री का हिस्सा हो जाइए। आपकी तरक्की मुश्किल है। पेपर कब और प्लेट का बिजनेस भी ऐसा ही है क्योंकि हर फिर मैं आपको मार्केट में कॉन्पिटिशन तो मिलेगा ही। अब टिकेगा वही जो मेहनत और ईमानदारी से आगे बढ़ेगा। बाकी स्टेशंस को कैसे खड़ा करना है। और इन स्टेप को फॉलो करेंगे तो आपको काफी आसानी होगी। 

  • सॉलिड बिजनेस प्लान बनाए

सबसे पहले बनाना होगा सॉलिड बिजनेस प्लान क्योंकि बिना प्लानिंग क्या आपको मार्केट में सरवाइव करने में दिक्कत होगी और इस इंडस्ट्री का हिस्सा बनने के लिए कितना कैपिटल लगाएंगे आपका बिजनेस  कितना बड़ा होगा। आप कौन कौन से आइटम बनाएंगे क्या आपके रिया में कोई और मैन्युफैक्चर रोल है। आपके प्रोडक्ट क्वालिटी सप्लाई रिटर्न पॉलिसी वगैरह पर आपके बिजनेस के सक्सेस काफी हद तक निर्भर करेगी। 

  • बिजनेस सेटअप करने के लिए जमीन की आवश्यकता हैं।

बिजनेस  प्लान के बाद आपको जरूरत पड़ेगी। जमीन की यानि वो जगह जहां पर आप अपना बिजनेस सेटअप करेंगे। मशीन लगाएंगे और अपना प्रोडक्शन करेंगे। इसके लिए कम से कम 100 से 200 स्क्वायर फीट जगह तो चाहिए ही होगी। अगर आपके पास ही जगह अवेलेबल है तो अच्छा नहीं तो आपको रेंट पर या लीज पर फैक्ट्री के लिए जगह लेनी पड़ेगी। दोनों ही केसेस में आपको रेंट एग्रीमेंट या लीज का पेपर वर्क कर लेना चाहिए। 


  • लाइसेंस और बिजनेस रजिस्ट्रेशन


बारी लाइसेंस और बिजनेस रजिस्ट्रेशन की इसके लिए आपका पहला स्टेप होगा। रजिस्ट्रार फर्म्स  आरोप में रजिस्ट्रेशन करवा करके एक वन पर्सन कंपनी स्थापित करना। इसके बाद आपको एक ट्रेड लाइसेंस चाहिए जो अथॉरिटी से मिल जाएगा। 

  • उद्योग आधार कैसे लें

उसके बाद आपको उद्योग आधार की जरूरत पड़ेगी। आधार कार्ड की ही तरह उद्योग आधार है। आधार फॉर बिजनेस। जो 12 डिजिट का नंबर होता है जिसे आप मिनिस्ट्री ऑफ़ माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज गवर्नमेंट ऑफ इंडिया में अप्लाई करके ले सकते हैं। 

  •    गूगल से उद्योग आधार की जानकारी कैसे लें    

गूगल पर उद्योग आधार सर्च करेंगे तो आपको उद्यम रजिस्ट्रेशन की वेबसाइट udyam.registration.gov.in दिखाई देगी, जहां पर डिटेल इंफॉर्मेशन आपको मिल जाएगी। वैसे इसके अलावा भी आप अपने बिजनेस के लिए एमएसएमई रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।


 इससे यह फायदा होगा कि सेंट्रल गवर्मेंट को सब्सिडी प्रोग्राम शुरू। है तो आप उसके लिया अप्लाई कर पाएंगे कारोबार जम जाने के बाद अगर आप एक्सपोर्ट इंपोर्ट बिजनेस करना चाहेंगे तो इसके लिए आईएस इंपोर्ट एक्सपोर्ट कोड की जरूरत पड़ेगी

  • बिजनेस लाने के लिए इलेक्ट्रिसिटी का भी जरूरत पड़ेगी

 तो इतना कर लेने के बाद अब आगे आपको भी फैक्ट्री चलाने के लिए इलेक्ट्रिसिटी की भी जरूरत पड़ेगी तो इसके लिए आप अपने घर का कनेक्शन यूज़ ना ही करें तो बेहतर होगा। अच्छा होगा कि आप एक अलग से कमर्शियल कनेक्शन अप्लाई कर दे क्योंकि आप बस कोई गलत पहचान देंगे तो उसके लिए सभी चीजों को अलग से रखें, ताकि आगे चलकर आपको कोई दिक्कत ना हो क्योंकि अगर कभी कोई चेकिंग हुई कि आप डोमेस्टिक कनेक्शन पर कमर्शल काम कर रहे हैं तो हो ना हो। इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट ऑफ जंक्शन कर सकता है।

  • रो मटेरियल की फैक्टर

 अब अगला स्टेप है रो मटेरियल होगा। आपके लिए होगा एक की फैक्टर जिससे आपके प्रोडक्शन और सप्लाई का फ्लोर बना रहेगा। किसी भी business उसकी क्वालिटी रॉ मैटेरियल पर डिपेंड करती है। इनकी क्वालिटी जितनी अच्छी होगी, आपकी प्रोडक्ट उतने ही बेहतर निकल कर आएंगे। इसलिए सबसे पहले आप एक बेहतर सप्लायर की तलाश कीजिएगा जो आपको सही प्राइस पर माल सप्लाई करें और उसकी भी रिटर्न पॉलिसी अच्छी होनी चाहिए। 

  • लेबर एंड मैनपावर

अब आगे बात करते हैं लैब पर और मेन पावर । फैक्ट्री मैनेज करने  करने के लिए साफ-सफाई के लिए प्रोडक्शन करने के लिए और बने हुए सामान को बनाने के लिए और उसे  पहुंचाने के लिए आपको एक टीम तो बनाने होगी चार से पांच लोगों की टीम इसके लिए काफी हो सकती है और सबसे बेहतर तो यह होगा कि आप अपना काम शुरू करने से पहले किसी पेपर कब की पटरी को विजिट करके आई और यह देखें कि वहां पर काम कैसे होता है और कितने लोगों की जरूरत पड़ती है तो इससे आपको मोटा मोटी आइडिया हो जाए। कि आपको कैसी तैयारियां करनी पड़ेगी जब यह सारी चीजें हो जाए तो एक बार अपने स्टाफ को आप प्रैक्टिकल ट्रेनिंग में डलवा दें ताकि उन्हें मशीन कैसे चला रहा है। प्रोडक्शन कैसे करना है। इन सारी चीजों की जानकारी मिल जाए और अच्छे से समझ में आ जाए। 


  • मेकिंग स्पेस इन द मार्केट

अगला कदम आता है। प्रोडक्शन के बाद मार्केट में जगह बनाने का यानी कि आपको पहले से तैयारी करनी होगी जैसे आपके एरिया में आस पास कोई और पेपर कप इनक्रीस का मैन्युफैक्चरर है या नहीं। उसके बिजनेस करने का एरिया कितना बड़ा है। उसके प्रोडक्ट की क्वालिटी कैसी है। उसकी बिजनेस पॉलिसी क्या है। किस रेट पर वह माल सप्लाई करता है। अगर यह सारी चीजें जान जाए और अपनी स्ट्रैटेजिक उसी तरह से बनाए तो आप ही तगड़े कंपीटीटर बन जाएंगे और एक बात जरूर से याद रखेगा। किसी भी बिजनेस  की सबसे बड़ी बात। होती है क्वालिटी अगर यह डिलीवर करेंगे तो आप कहीं भी नहीं रुकेंगे। मार्केट को समझने के लिए आप खुद मार्केट में निकलिए और अपनी सेल्स टीम के साथ सूचित पर चाहिए ताकि आप अपने होलसेल और रिटेल दोनों ही कस्टमर को अच्छे से समझ पाए और मार्केट की डिमांड के हिसाब से डील कर पाएं

  • इनोवेशन

 अब यहां पर सबसे इंपॉर्टेंट बात आती है। इनोवेशन कि आपका प्रोडक्ट मार्केट में मौजूद प्रोडक्ट से बेहतर और हटके तभी दिखाई देगा। जब आप उनमें कुछ नयापन और इनोवेशन लाएंगे। मार्केट में ज्यादातर पेपर कप और प्लीज सिंपल से प्रिंट के साथ या एक ही कलर के मिलते हैं तो उसे स्टीरियोटाइप को तोड़ने के लिए आप कस्टमाइज प्रोडक्ट ला सकते हैं जैसे कि अगर आप किसी के बर्थडे एनिवर्सरी या शादी के लिए कस्टमर के नाम या कोई गुड विशेष के साथ प्रोडक्ट। करेंगे तो कहीं मार्केट नया ट्रेंड सेट होगा और आपका जो प्रोडक्ट है, वह भीड़ में अलग से दिखाई देगा तो बात इतनी सी है कि जब तक कोइ एक्सपेरिमेंट नहीं करेंगे तब तक आपको यह पता ही नहीं चलेगा कि लोगों से आपको कैसा रिस्पांस मिल रहा है और अगर आप सक्सेसफुल हो गए तो आप एक ट्रेंडसेटर बन जाएंगे और बिजनेस की बढ़ने की पॉसिबिलिटी भी बढ़ जाएगी


वैसे आजकल YouTube एक ऐसा सेक्टर बन गए हैं  जहां पर आप को स्मॉल स्किल इंडस्ट्री के ऊपर ढेर सारी वीडियो  मिला जाएंगे जैसे चप्पल फैक्ट्री कैसे सेट अप करें। अगरबत्ती कैसे बनाएं। पापड़ का बिजनेस कैसे शुरू करें। वगैरा-वगैरा 

कई ऐसे यूट्यूब हैं  जो कारखाने में विजिट करके आपको वहां की वीडियो भी दिखाते हैं और आपको वानर से भी मिल जाते हैं। ऐसे वीडियोस अगर आप देखेंगे तो आपको थोड़ा आईडिया मिल जाएगा। शुरू! कैसे करना है लेकिन कुछ ऐसे भी वीडियो होते हैं जिनमें ऑनर्स मशीन मैन्युफैक्चरर्स इन रॉ मटीरियल के सप्लायर बड़े-बड़े दावे करते हैं तो ऐसे में उसे जोड़ने से पहले उनसे प्रोडक्ट खरीदने से पहले आर्डर देने से पहले मार्केट को इग्नोर करें। दो-चार लोगों से मिले और किसी ऐसे और ऊपर से मिली जो स्टेटस में ऑलरेडी उतर चुका है और उसके एक्सपीरियंस भी जरूर से जान ले हो सके तो किसी फैक्ट्री में लेबर की तरह दो चार महीने आप काम भी कर सकते हैं। पूरी हकीकत का अच्छे से अंदाजा लग जाएगा कि पेपर कप और प्लेट बनाने का यह काम शुरू करना कितना फायदेमंद रहेगा और


अगर ऐसा है तो उससे काफी जानकारी हासिल हो जाएगी। साथ ही सोशल मीडिया में सक्सेस स्टोरी है तो फिर स्टोरी भी जरूर होगी। देखिए। अब डिसीजन लीजिए बाकी तो किसी भी देश को खड़ा करना पूरी तरीके से मेहनत का काम है क्योंकि हार्ड वर्क और डेडीकेशन का तो कोई तोड़ ही नहीं है। पैसे में पूरी उम्मीद है कि TechTalk Sandeep के लिखी हुए article सबको पसंद आ रहे हैं और आपके नॉलेज भी बढ़ रही है तो कमेंट बॉक्स में लिखकर के जरूर बताइएगा। यह जानकारी आपको कैसी लगी। कोई और भी सवाल है। तुम भी लिख भेजिए और अपना ढेर सारा प्यार। आप हमारे साथ यूं ही कॉमेंट्स में शेयर करते रहिए। इसके अलावा ऐसी article लगातार हर बार आपको मिलते रहना चाहिए। उसके लिए एक ही काम करना होगा। कोई TechTalkSandeep चैनल को सब्सक्राइब करके बैल आइकन को पेश कर दीजिए और साथ के साथ अपना सपोर्ट अपना प्यार यूं ही बनाए रखे। ऐसी जानकारियों के साथ तब तक के लिए यही कहूंगी। धन्यवाद! 



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