बुधवार, 26 जनवरी 2022

कहां गया यूट्यूब का असली मालिक । YouTube के संस्थापकों के साथ क्या हुआ? YouTube सफलता की कहानी | TechTalkSandeep

 

YouTube के संस्थापकों के साथ क्या हुआ? 🕵 यूट्यूब केस स्टडी | YouTube सफलता की कहानी | TechTalkSandeep


YouTube एक अमेरिकी ऑनलाइन वीडियो साझाकरण और Google के स्वामित्व वाला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है। इसे 14 फरवरी 2005 को स्टीव चेन, चाड हर्ले और जावेद करीम द्वारा लॉन्च किया गया था। यह दूसरा सबसे अधिक दौरा किया जाने वाला है। 


दोस्तों हम सभी जानते हैं कि यूट्यूब दुनिया का सबसे सक्सेसफुल वीडियो शेयरिंग, प्लेटफार्म और यूट्यूब की इस सक्सेस का क्रेडिट हमेशा गूगल को ही दिया जाता है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि यूट्यूब को असल में गूगल ने नहीं बल्कि तीन यंग लड़कों ने मिलकर बनाया था जबकि गूगल ने अक्टूबर 2006 में यूट्यूब को Google ने 1.6  बिलीयन डॉलर की रकम में उन तीन लड़कों से खरीद लिया था

 तो आज की इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि यूट्यूब तो क्रिएट करने वाले वह तीन लड़के आखिर कौन थे। उन्होंने यूट्यूब को किस तरह और क्यों बनाया था और यूट्यूब को सेल करने के बाद आज वो तीनो कहां पर है तो चलिए ब्लॉग को शुरू करते हैं। अगर आप भी जानने में इंटरेस्टेड हो तो इस ब्लॉग को जरूर पूरा पढ़ें ।


कहां गया यूट्यूब का असली मालिक । कौन है असली मालिक youtube का


 दोस्तों सबसे पहले बात करते हैं। जावेद करीम की जोक यूट्यूब के तीनों के उम्र में से सबसे छोटे थे।

 जावेद का जन्म 5 अक्टूबर 1979 को जर्मनी के मस्त ब्रेकडाउन में हुआ था। उनके पिता बांग्लादेशी और मां जर्मन मूल की थी और वे दोनों ही विसर्जन के रूप में काम करते थे। जहां पिता नईम उल करीम 3m कंपनी में रिसर्च तो वही मां क्रिस्टीन यूनिवर्सिटी आफ मिनेसोटा में बायो केमिस्ट्री की रिसर्च अर्थी दोस्तों जावेद जब बहुत छोटे थे तभी उनकी फैमिली मेंबर को छोड़कर वेस्ट जर्मनी के नोवे शहर में शिफ्ट हो गई थी और फिर इसी शहर में उन्होंने अपने बचपन का ज्यादातर समय बिताया था ना कि उनकी उम्र जब 12 साल हुई तो उनकी फैमिली फिर से मोव करके मिनेसोटा के सेंट पॉल शहर में शिफ्ट हो गई।  तो दोस्तों जावेद ने अपनी स्कूल की पढ़ाई इसी शहर में पूरी की और फिर आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ़ इलिनॉयस में एडमिशन ले लिया लेकिन PayPal  कंपनी में जॉब मिलने के चलते उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करने से पहले ही कैंपस को छोड़ दिया। हालांकि केंपस छोड़ने के बाद भी उन्होंने डिस्टेंस लेवल से पढ़ाई को जारी रखा और जॉब करते हुए ही उन्होंने अपनी बैचलर्स की डिग्री हासिल की। इसके बाद दोस्तों PayPal कंपनी में दो कालिका साथ उनकी दोस्ती हुई और उन्ही दोनों के साथ मिलकर उन्होंने यूट्यूब टू क्रिएट किया था। जावेद से जब यूट्यूब को बनाने के पीछे का रीजन पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मैं इंटरनेट पर अपनी पसंद की वीडियोस नहीं देख पाते थे और उनकी इसी प्रॉब्लम ने उन्हें यूट्यूब बनाने के लिए इंस्पायर किया था। इसके बाद उस तो साल 2005 की शुरुआत में जावेद ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर youtube.com डोमेन खरीदा और अगले कुछ ही महीनों में उन्होंने इस वेबसाइट को पूरी तरह तैयार कर दिया। इसके बाद दोस्तों वेबसाइट बन जाने के बाद थे। 23अप्रैल 2005 के दिन जावेद में यूट्यूब पर पहली वीडियो अपलोड की जिसका टाइटल me at the zoo आप में से काफी लोगों ने यह वीडियो देखी भी होगी और आपके जानकारी के लिए बता दें कि इस वीडियो में जो लड़का नजर आ रहा है। असल में जावेद करीमी है। उसको चाबी इतनी यूट्यूब के डेवलपमेंट में बहुत अहम रोल निभाया था। लेकिन फिर अचानक उन्होंने यूट्यूब से क्यूट कर दिया। दरअसल उस समय उनकी दिलचस्पी है। एंटरप्रेन्योरशिप से कहीं ज्यादा ही स्टडी में थी चू की वे  पढ़ लिख कर एक प्रोफेसर बनना चाहते थे और साल 2006 में जब गूगल ने यूट्यूब को एक वायर किया तो उन्होंने केवल अपनी पढ़ाई के लिए यूट्यूब का ईएमपीएल ना बन के सिर से इनफॉर्मल एडवाइजर बन गए। हालांकि बाद में उन्होंने खुद भी यह एडमिट किया कि यूट्यूब को छोड़ने का उनका फैसला गलत था क्योंकि उनके इसी फैसले की वजह से कंपनी में उनकी हिस्सेदारी कम हो गई थी। 


असल में दोस्तों जब उसको गूगल ने youtube को एक्वायर किया तो जावेद कि इससे में गूगल के 133443 शेयर आए जो उस समय वैल्यू 65 मिलियन डॉलर के आसपास थी। अगर जावेद और शेयर को होल्ड  करती और यूट्यूब से जुड़े रहते हो। आज शायद वह बिलेनियर होते। लेकिन उन्होंने पढ़ाई के लिए एक अलग ही रास्ता चुना जहां उन्होने यूट्यूब को छोड़ने के बाद पहले उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में मास्टर किया और फिर दोनों को ने साथ मिलकर y-ventures नाम की कंपनी शुरू की जो नई स्टार्ट ऑफ को मेंटरशिप गाइडेंस और कंसलटिंग प्रोवाइड करती थी और दोस्तों आज भी वे उसी कंपनी को चला रहे हैं। खेर को यह तो हुई जावेद करीम की स्टोरी अब बात करते हैं।


 यूट्यूब के दूसरे फाउंडर के बारे में बात करते हैं। तो दोस्तों चाड हर्ले का जन्म 24 जनवरी 1977 को अमेरिका की रेडिंग शहर में हुआ था। 

चाड बचपन से ही आर्ट मे ज्यादा दिलचस्पी थी। इसके चलते स्कूल किस समय से उन्होंने अपनी स्केचेस और आठवां को सेल करना शुरू कर दिया था लेकिन जब वह हाई स्कूल में पहुंचे तो आर्ट के साथ उनका इंटरेस्ट कंप्यूटर और टेक्नोलॉजी में बढ़ने लगा और हाई स्कूल के दौरान टेक. स्टूडेंट ऐसा स्टूडेंट एसोसिएशन के मेंबर बन गए। इसके अलावा उन्हें रनिंग में भी काफी दिलचस्पी थी और इस रेस में उन्होंने 1992 और 94 के दौरान स्टेट टाइटल जीते भी दोस्तों स्कूल कंप्लीट करने के बाद जितनी इंडियाना यूनिवर्सिटी ऑफ़ पेंसिलवेनिया से फाइन आर्ट्स में b.a. किया और यूनिवर्सिटी की पढ़ाई पूरी होने के बाद जावेद करीम की तरह उन्हें भी paypal में जॉब मिल गई जहां पर paypal के  लोगो डिजाइनिंग का काम करते थे 


और जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया कि PayPal कंपनी में चैट की मुलाकात दो लोगों से हुई थी और फिर इन तीनों ने ही मिलकर। यूट्यूब को डेवलप किया था। तो दोस्तों यूट्यूब को फॉरवर्ड करने के बाद चैट इस कंपनी के पहले सीईओ बनाए गए। हालांकि उस वक्त उनका काम सिर्फ यूट्यूब के टैगिंग और शेयरिंग फीचर को मैनेज करना था। इसके बाद अक्टूबर 2006 में जब गूगल ने यूट्यूब को Google वायर किया तो चैट ने कंपनी को एकदम से क्विट नहीं किया बल्कि वे 2010 तक यूट्यूब के सीईओ का पद संभाले रहे और यूट्यूब से जुड़े रहने का उन्हें फायदा यह हुआ कि यूट्यूब के बिकने पर उनके हिस्से में सबसे बड़ी रकम आई। दरअसल दोस्त यूट्यूब को सेल करने के बदले में चैट को गूगल के 694087 सीएस डायरेक्टली और 41232 से अधिक ट्रस्ट के जरिए प्राप्त हुए थे। उसमें इस शेयर की कुल वैल्यू 346 मिलीयन डॉलर्स थी जो कि जावेद करीम के हिस्से में आए 65 मिलियन डॉलर के 5 गुना से भी ज्यादा थे। इसके बाद दोस्तों! अक्टूबर 2010 में चैट ने यूट्यूब के सीईओ पद रिजाइन कर दिया जिसके बाद उन्होंने यूट्यूब के तीसरे पाटनर स्टीव चैन के साथ मिलकर अवोस सिस्टम नाम की एक टेक कंपनी शुरू की। धरती एक इनक्यूबेटर कंपनी थी जो डेवलपर्स को रियल टाइम में एप्लीकेशन डेवलपिंग और टेस्टिंग की सर्विस देती थी। हालांकि इस कंपनी ने कई अलग-अलग एप्लीकेशंस बनाए, लेकिन उस सभी में चैट की नजर हमेशा एक ही कंपनी पर टिकी रही, जिसका नाम था मिक्सबिट लेकिन दोस्तों उनके काफी कोशिश करने के बाद भी मिक्स वीडियो यूट्यूब के जैसे सक्सेस हासिल नहीं कर पाई और 2018 में ब्लू जींस नाम की एक कंपनी ने  मिक्सबिट को एक्वायर कर लिया। इसके अलावा कई अलग-अलग तरह के स्पोर्ट्स जैसे फार्मूला वन रेसिंग, एनडीए और फुटबॉल टीम में अपना पैसा इन्वेस्ट किया जावो एनडीए की गोल्डन स्टेट वॉरियर्स टीम और मेजर लीग सॉकर में खेले। लॉस एंजिल्स फुटबॉल क्लब के पार्ट ऑनरेडी यूट्यूब के दूसरे फाउंडेड चाड हर्ले की बात चली।


 यूट्यूब के तीसरे और आखिरी फाउंडर के बारे में जानते हैं। स्टीव चेन का जन्म 25 अगस्त 1978 को ताइवान के पाइप शहर में हुआ था। 

उन्होंने अपनी जिंदगी के शुरुआती 8 साल इसी शहर में रहकर बताएं जिसके बाद उनकी फैमली अमेरिका के प्रोस्पेक्ट हाइट सिटी में शिफ्ट हो गए। स्टीव ने अपनी स्कूली पढ़ाई इस शहर के लोकल स्कूल में पूरी की थी और उसके बाद उन्होंने जावेद करीम की तरह ही कंप्यूटर साइंस केस स्टडी के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली 9 में एडमिशन ले लिया था। साल 2002 में यूनिवर्सिटी की पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्हें पेपर में नौकरी मिल गई। जहां जॉब करते वक्त उनकी जान-पहचान जावेद और चैट के साथ हुई और आगे की कहानी तो आप जानते ही हैं कि किस तरह इन तीनों ने मिलकर यूट्यूब को क्रिएट  कर दिया कि दोस्तों इस टाइप की कहानी जावेद और चैट से थोड़ी डिफरेंट भी है क्योंकि उन्होंने यूट्यूब को बनाने से पहले कुछ महीने फेसबुक के लिए भी काम किया था और यूट्यूब की अगर बात करें तो उसमें स्टीव को चीफ टेक्नोलॉजी ऑफीसर की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जहां उनका मीन काम यूट्यूब के ट्रैफिक को मैनेज करना था। साल 2006 में जब गूगल यूट्यूब को खरीदा तो उसके बदले में गूगल के 625366 से डायरेक्टली और 8721 एक ट्रस्ट के जरिए उनके हिस्से में आए कीमत 325 मिलीयन डॉलर्स के आसपास थी,

 लेकिन दोस्तों आज उन्हीं एस्की वैल्यू 1.7 बिलियन हो  चुकी है। चैट की तरफ स्टीव भी यूट्यूब के बीच जाने के बाद तुरंत उससे अलग नहीं हुए बल्कि में यूट्यूब में 2009 तक अपने पद को संभाले रखिए और 2009। यूट्यूब को छोड़ने के बाद उन्होने गूगल के लिए काम करने लगे लेकिन 2011 में उन्होंने गूगल की जॉब को छोड़ दिया क्योंकि उस समय वह चैट के साथ मिलकर अपनी खुद की कंपनी अवॉन्स सिस्टम शुरू करने का मन बना चुके थे। दरअसल दोस्तों चैट की तरह इस टीम भी है। वह सिस्टम को लेकर काफी ज्यादा एक्साइटेड थीं, लेकिन उन्हें चैट के वीडियो शेयरिंग प्लेटफार्म मिक्स बेट में कोई दिलचस्पी नहीं थी। इसलिए मैं बीच में हमेशा दूर ही रहे। अहा तक कि जब चैट ने वह मिक्स बेट के साथ जोड़ने की कोशिश की तो इस स्टीव ने उस कंपनी को भी छोड़ दिया। इस तरह एक तरफ चैट लिक्विड में बिजी हो गए। वहीं दूसरी तरफ स्टीव ने वापस गूगल वेंचर कंपनी को ज्वाइन कर लिया जो कि नहीं स्टार्टअप में इन्वेस्ट करने और उन्हें फाइनेंशियल सपोर्ट देने का काम करती है। इसके अलावा साल 2016 में nom.com नाम के एक वेबसाइट को भी लॉन्च किया था जो की एक लाइव स्ट्रीमिंग फूड नेटवर्क था, लेकिन इस स्टीव का यह नया वीडियो शेयरिंग नेटवर्क लोगों को कुछ खास पसंद नहीं आया। जिसके चलते लांच होने के सिर्फ एक साल बाद ही इसे बंद कर दिया गया। इसके बाद अगस्त 2019 में स्टीव अपनी पूरी फैमिली के साथ अमेरिका को छोड़कर वापस ताइवान हो गए और तब से लेकर आज तक भी वहीं पर अपना जीवन बिता रहे हैं 


तो दोस्तों यह  कहानी थी उन तीनों लोगों की जिन्होंने दुनिया को यूट्यूब के रूप में। नायाब तोहफा दिया आज उनके द्वारा बनाया गया। यह वीडियो शेयरिंग प्लेटफार्म ना सिर्फ लोगों को एंटरटेन करता है बल्कि साथ ही यह एजुकेशन का एक अहम मीडियम बन चुका है और दोस्तों इतना ही नहीं। आज यूट्यूब लोगों के लिए रोजगार का एक जरिया माना जाता है। उम्मीद करते हैं। आपको इनकी लाइफ स्टोरी फायरिंग जरूर लगी होगी। बाकी दोस्तों आज के लिए बस इतना ही ब्लॉग को  शेयर और चैनल को सब्सक्राइब करना बिल्कुल ना भूलें। आपका बहुमूल्य समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। 

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